मैथिलि में गप्प करू
अमेरिका, इंग्लॅण्ड जाऊ,
चीन व नेपाल यौ ।
मातृभूमि बिसरब नहि मिथिलाक लाल यौ |
दिल्ली, मद्रास, रहू
मुंबई बंगाल यौ |
मैथिलि में गप्प करू मिथिलाक लाल यौ ||
मैथिलि में गप्प करू मिथिलाक लाल यौ ||
मैथिली में .....................
मिथिला केर महिमा , रामायण पुराण में,
अमृत बहए कोशी, कमला- बलान में |
जाती - धर्म भेद नहि ह्रदय विशाल यौ ||
मैथिली में .....................
अमृत बहए कोशी, कमला- बलान में |
जाती - धर्म भेद नहि ह्रदय विशाल यौ ||
मैथिली में .....................
रघुवर के सासुर ई सीता केर नैहर,
चाकर बनल जतय उगना बनि शंकर |
स्वर्ग सन एहि धरती पर आनंदक सुर ताल यौ ||
मैथिली में .....................
चाकर बनल जतय उगना बनि शंकर |
स्वर्ग सन एहि धरती पर आनंदक सुर ताल यौ ||
मैथिली में .....................
प्रीतक बसात बहय
गाम-घर-आँगन ,
मीठ-मीठ बोली आ नित नव पावन |
सामा - चकेबा , छठी
फगुआ धमाल यौ ||
मैथिली में .....................
बारीक तिलकोर, ओल , नेबो कटहर,
माछ आ माखन- पान व्यंजन सुअदगर |
दुनिया में भेटक नहि एकर मिसाल यौ ||
मैथिली में .....................
माछ आ माखन- पान व्यंजन सुअदगर |
दुनिया में भेटक नहि एकर मिसाल यौ ||
मैथिली में .....................
अंगरेजी पढि कय नहि शेखी बहरू,
पढू- लिखू मैथिली मायके नहि बिसारू |
गर्वित 'गगन' रहय
मैथिल निज भाल यौ ||
मैथिली में .....................